Jan 23, 2012

आज के नौनिहालों  की जिंदगी सिर्फ सिमट गयी है ट्यूशन , एक्स्ट्रा क्लास्सेस आदि तक. बचपन न जाने कहाँ चला गया है आजकल के बच्चों का बस्ता उनकी वजन से भी ज्यादा भारी है और उनकी महत्वाकांक्षाएं  आसमान  से भी ऊँची. रही सही कसर उनके माँ बाप की अपेक्षाओं ने पूरी कर दी है.प्रतियोगिता की दौड़ में बस दौड़ते जा रहे हैं. नब्बे प्रतिशत से ऊपर नंबर भी चाहिए, ट्यूशन का काम भी करना है. हौबी क्लास्सेस  में भी अच्छा प्रदर्शन करना है, टर्म टेस्ट की तयारी भी करनी है और फिर स्कूल कॉम्पटीशन भी तो हैं , उसकी तैयारी.
इतना सब कुछ और उम्र मात्र ६-१० साल.
 आजकल के बच्चे हाईटेक होने के साथ साथ मानसिक रूप से भी जल्दी बड़े हो जाते हैं. बच्चों के साथ बच्चों जियाअ व्यव्हार उन्हें अखरता है. 
आखिर ऐसी कैसी महत्वाकांक्षाएं जो बच्चों से उनका बचपन ही छीन ले? जीवन के सभी रंगों में से सबसे अनमोल है बचपन.बुढ़ापे में जवानी के किस्से तो बहुत सुने होंगे पर बचपन कभी लौट कर नहीं आता.

Jan 22, 2012

सहसा एक विचार मन में उठा कि भारतवर्ष में आज कई तरह के स्कूल खोले जा रहे हैं, प्रोफेशनल स्कूल, फार्म स्कूल, स्मार्ट स्कूल, ईवनिंग स्कूल,  तो क्यों न एक नेतागिरी का स्कूल भी खोला जाये.
यह स्कूल होगा सबसे अलग . हाँ लेकिन प्रवेश पाने की योग्यता कुछ इस प्रकार होगी ..
अगर आप दबंग किस्म के इन्सान हैं, गुंडा गर्दी में माहिर हैं, झूठ बोलने में आपको महारत हासिल हो तथा आपका ज़मीर बिकाऊ हो तो यह स्कूल आपके लिए एकदम सही जगह है . आप राजनीति में एक ओहदे से सिर्फ  कुछ दूरी पर होंगे. आखिर आज के एक नेता में यही गुण तो होते हैं . और अगर आपने एक दो क़त्ल किये हैं तो वह आपकी विशेष योग्यता गिनी जाएगी .

किसी भी मंत्री के पुत्र को इस स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जायेगा क्यूंकि उम्र चाहे जो भी हो वह पहले से ही महारथी  होगा. उसकी जगह कम से कम विद्यार्थियों में तो नहीं होनी चाहिए .हाँ एक शिक्षक के तौर पर उससे काम ज़रूर लिया जा सकता है .
पाठ्यक्रम में आपको सिखाया जायेगा कि किस तरह चुनाव के समय खोद खोद कर जान-पहचान निकाली जाती है और जीतने के बाद किसी भी तरह आपको याद दिलाने पर भी याद न आये. और आपको ये भी सिखाया जायेगा कि किस तरह वायदे करना और उन्हें भूल जाना. 
परीक्षा का यहाँ कोई ठौर-ठिकाना नहीं है. नेताओं ने भी भला कभी परीक्षा दी है. ये तो आम लोग होते हैं जो जीवन- यापन करने की जद्दोजहद में नित्य गुजर बसर करने कि परीक्षा देते हैं. 
कोर्स की समाप्ति पर आपको विशेष सीख के तौर पर कलमाड़ी साहब, लालू यादव जी और ए. राजा जैसे महान नेताओं की किताब भी दी जाएगी जिससे भ्रष्ट बनने की पूरी जानकारी मिल सके .
वाकई अपने आप मैं अनोखा ये स्कूल कम से कम हिंदुस्तान में तो खूब  चलेगा. वैसे भी यहाँ सभी नेता हैं. बस ओहदे तथा माथे पर एक ठप्पे की कमी है जिसे पूरा करने में ये स्कूल ज़रूर पूरी मदद करेगा.