May 16, 2013

परी की कहानी




















बचपने में सुनी थी एक कहानी
एक परी की कहानी
वक्त के साथ कहानी भी बदली
और जिंदगानी भी
बचपना ना जाने कहाँ चला गया
पर दिल का कोई हिस्सा
उस परी के साथ ही रह गया
किरदार बदले आशियाने बदले
लेकिन उस परी को चाहने के बहाने नहीं बदले
ये जानती हूँ मैं कि परियों का कोई परिवार नहीं होता
घर बार नहीं होता
फिर उनमे इतना प्यार क्यूँ होता
बगैर शर्त और स्वार्थ का
उस परी की तलाश में हूँ

No comments:

Post a Comment