Oct 4, 2011

आगाज़.

नया-नया है दिन सुहाना, नयी नयी आवाज़,
नयी-नयी हैं रहे मेरी, नया नया आगाज़.

 

Oct 3, 2011

" विश्वास"

विश्वास कहाँ है ?? 
देश में, समाज में, शहर में या घर में,
आकाश में , धरा में, ढूढ़ते रहने में ,
कही भी नहीं है.
विश्वास दिलाने वाले स्वयं अविश्वास में ही जी रहे हैं.
मर्यादा का प्रचार करने वाले मर्यादा तोड़ रहे हैं.
ईमानदारी के नाम लगा पर्दा भी तार-तार हो रहा है.
स्वयं आदमी ही अपने से विश्वासघात कर रहा है.
वो " विश्वास" कहाँ है??
( from my old collection)