Aug 22, 2015

असल इंडिया डिजिटल तब होगा जब...........

भारत सरकार ने यहाँ की आवाम को डिजिटल इंडिया का सपना दिखाया है. डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के नौ स्तम्भ रखे गए हैं ब्रॉडबैंड हाईवे, फोन तक सबकी पहुँच, जनता के लिए इन्टरनेट प्रोग्राम, इ-गवर्नेंस, इ-क्रांति, सभी तक सूचना का प्रसार, इलेक्ट्रॉनिक सामान का, सूचना तकनीक के क्षेत्र में नौकरियां, आरंभिक फसल प्रोग्राम| इसके अलावा सरकारी विभागों में सभी रिकार्ड्स के साथ साथ रिपोर्ट्स भी ऑनलाइन ही भेजी जाएँगी. इस प्रोग्राम के तहत आप डिजी लाकर का इस्तेमाल करके अपने दस्तावेज़ सुरक्षित कर सकते हैं, मोबाइल पर ही अधिक से अधिक सरकारी सुविधाओं का प्रयोग कर सकते हैं मसलन बैंक के कार्य, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, बिल आदि. व्यापार के क्षेत्र में इ-कॉमर्स मददगार होगी. डिजिटल इंडिया के तहत जिस क्षेत्र के बारे में बात करना सबसे ज़रूरी है वह है शिक्षा का क्षेत्र. इस प्रोग्राम के अंतर्गत भारत के सभी स्कूलों को ब्रॉडबैंड से जोड़ा जाना है. हर स्कूल के अन्दर वाई-फाई, डिजिटल रूप से साक्षरता प्रोग्राम, बड़े पैमाने पर ऑनलाइन कोर्सेज का विकास आदि स्तर पर कार्य किया जाना है. पंचायत स्तर तक इन्टरनेट की सुविधा की उपलब्धता, ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल एजुकेशन आदि कस्बाई और ग्रामीण छात्रों के लिए कंप्यूटर की शिक्षा को सुलभ बना देगा. इसके साथ साथ इन इलाकों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा, योग्य शिक्षकों की समस्या से भी निबटने में इस प्रोग्राम की मदद से सहायता प्राप्त होगी. कहना न होगा कि यदि इस तरह की शिक्षा प्रणाली का विकास करने में भारत सफ़ल रहा तो विकसित देशों की श्रेणी में आने के लिए हम एक बड़ी सीढ़ी चढ़ जायेंगे. ये होना इसलिए भी ज़रूरी है क्यूंकि भारत युवा देश है और युवाओं को एक सही दिशा और देश दुनिया से जुडाव उनके लिए संभावनाओं के नए आयामों को खोल देगा. धीरे धीरे ही सही लेकिन हम बदलावों के साक्षी बन रहे हैं. अभी तक सवा अरब लोगों में केवल 19 प्रतिशत लोग ही इन्टरनेट का प्रयोग कर रहे हैं लेकिन ये रफ़्तार तेज़ी से बढ़ रही है. मोबाइल पर इन्टरनेट का प्रयोग करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. इंटरनेट एंड मोबाईल एसोसिएशन ऑफ़ इण्डिया की नयी रिपोर्ट के मुताबिक क्षेत्रीय भाषाओँ के प्रयोगकर्ता सैंतालीस प्रतिशत की दर से बढ़ रहे हैं जिनकी संख्या संख्या साल 2015 के अंत तक 127 मिलीयन हो जाने  की उम्मीद है | स्मार्टफ़ोन की खपत भी भारत में बढ़ी है ऐसे में डिजिटल इंडिया प्रोग्राम उम्मीद जगाता है कि शिक्षा का पुराना स्वरुप बदलकर इन्टरनेट आधारित हो जायेगा. प्राइमरी स्तर पर स्मार्ट क्लासेज का चलन बच्चों को केवल किताबी ही नहीं बल्कि प्रयोगात्मक शिक्षा की और ले जायेगा, बच्चों में प्रारंभ से ही वैज्ञानिकता का विकास होगा. लेकिन इस सपने के आगे चुनौतियों का बड़ा पहाड़ खड़ा है. आज भी दूर दराज़ के गाँव और कस्बों के स्कूल कंप्यूटर से दूर हैं. यह हाल कमोबेश हर उस छात्र का है जिसने गाँव या कस्बे के स्कूल से पढाई अवश्य की है लेकिन कंप्यूटर ज्ञान नगण्य है. ज़्यादातर गाँव और कस्बों में स्कूलों में या तो कंप्यूटर नहीं होता है उन्हें पढ़ाने वालों की कमी होती है. ऐसे में छात्र इससे वंचित रह जाते हैं. अधिकांश युवाओं के लिए मोबाइल चला लेना भर ही डिजिटल होने की परिभाषा है. अंग्रेजी पढ़ा लिखा समाज तो बिना किसी समस्या के इस योजना का लाभ ले लेगा, समस्या ग़रीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले और आदिवासी क्षेत्र के लोगों की है जिनके लिए आज भी अच्छा रहन सहन और सामाजिक स्तर दूर की कौड़ी है. उनका ध्यान केवल परिवार के पेट पालने पर है. इंडियन एक्सप्रेस अख़बार के मुताबिक भारत में दस में से सात घर ग्रामीण हैं जो 200 रूपए रोज़ कम पर जीवन यापन कर रहे हैं. आदिवासी क्षेत्रों में अभी भी जागरूकता की कमी के कारण गरीबी और अशिक्षा में ही लोग जीवन जी रहे हैं. ऐसे में डिजिटल इंडिया प्रोग्राम का सभी नागरिकों को साथ लेकर चलने वाली योजना खटाई में पड़ सकती है. देश पहले ही रूरल अर्बन डिवाइड की समस्या से जूझ रहा है ऐसे में डिजिटल इंडिया प्रोग्राम उम्मीद ज़रूर बंधाता है लेकिन उससे पहले देश में पहले से मौजूद समस्याओं के पहलुओं पर गौर करना ज़रूरी हो जाता है. सबसे पहले गाँवों और आदिवासी जनों को मुख्यधारा से जोड़ा जाना अति आवश्यक है और ये भी ज़रूरी है कि हर व्यक्ति की एक निश्चित आय हो जो उसके परिवार के पालन और उसके बच्चों की शिक्षा के लिए पर्याप्त हो. तभी हर युवा सही मायने में आगे बढ़ पायेगा और उसके लिए संभावनाओं के क्षेत्रों में इज़ाफा होगा केवल देश में ही नहीं विदेशों में भी लेकिन ये केवल ख़्वाब हैं जिनकी बुनियाद को पक्का किया जाना बाकी है. असल इंडिया डिजिटल तब होगा जब धरती चीर कर अन्न उगाने वाले हाथ माउस भी उतनी ही सहजता से चला पायें. 

1 comment:

  1. nice article about digital India.......truly said that if education comes among people standing last in the row..that would be more effective ..here education means ...1.communication in any language 2.Simple Mathematics 3.basic logical knowledge ..not just formality or a formal degree.... perhaps India is one of few countries which made education right a constitutional ... there was need for it .. the thing which is needed : commitment...as china did ...and positive thing is that today despite of having different religion, caste, color, ethnicity, (except gender in some places and some rich elites :) )..nobody does not want their children to be educated... it will take too long but will happen one day...but not possible without govt commitment...

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