आगाज़
Aug 22, 2014
मंजिल
परिंदों को मिलेगी मंजिल एक दिन, ये फैले हुए उनके पर बोलते हैं..
वही लोग रहते हैं ख़ामोश अक्सर , ज़माने में जिनके हुनर बोलते हैं..
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