एक परी की कहानी
वक्त के साथ कहानी भी बदली
और जिंदगानी भी
बचपना ना जाने कहाँ चला गया
पर दिल का कोई हिस्सा
उस परी के साथ ही रह गया
किरदार बदले आशियाने बदले
लेकिन उस परी को चाहने के बहाने नहीं बदले
ये जानती हूँ मैं कि परियों का कोई परिवार नहीं होता
घर बार नहीं होता
फिर उनमे इतना प्यार क्यूँ होता
बगैर शर्त और स्वार्थ का
उस परी की तलाश में हूँ
घर बार नहीं होता
फिर उनमे इतना प्यार क्यूँ होता
बगैर शर्त और स्वार्थ का
उस परी की तलाश में हूँ
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