मोदी
जी..
आपको
बधाई कि अब आप भारत देश के प्रधानमंत्री कहलाये जायेंगे. आपके कारन ही भाजपा को
इतनी बड़ी जीत मिल पायी है. आप अब अपने किये हुए वादों को पूरा करने की ओर बढ़ेंगे
जैसा कि सब आपसे उम्मीद कर रहे हैं. कुछ
उम्मीदें भारत कि एक आम लड़की भी रखती है आपसे. मैं जानती हूँ कि आप पर उमीदों का
बोझ पहले से ही बहुत है पर आपने अच्छे दिनों के आने का ख्वाब दिखाया है तो मैं भी
अपने अच्छे दिनों के आने का इंतजार करुँगी. रोज़ रोज़ अखबारों में बलात्कार, लूट और
छेड़खानी की खबरें पढ़कर मैं आहत हो चुकी हूँ इसलिए अपनी उम्मीदों का बोझ भी आपके सर
डाल रही हूँ. आपसे कुछ ऐसी उम्मीदें हैं
कि :
मुझे
एक ऐसा देश चाहिए जहाँ मुझे अपने हक के लिए रिजर्वेशन की ज़रुरत न पड़े. संविधान में
मिले बराबरी के अधिकार को मैं खुलकर जी पाऊं. अपने हक के लिए लड़ने पर मुझे दोयम
दर्ज़े का कहकर संबोधित न किया जाए.
मैं
जब चाहूँ, घर से बाहर ये सोच कर निकल पाऊं कि हाँ मैं सही सलामत, बिना किसी
परेशानी के वापस आ जाउंगी और अगर किसी परेशानी मैं फंस भी जाऊ तो पुलिस के पास
जाने में मुझे हिचकिचाहट न हो.
एक
ऐसा समाज चाहिए जहाँ मुझे गर्व महसूस हो कि मैं लड़की हूँ. हर बार मुझे ये विचार न
कचोटे कि काश में एक लड़का होती. मेरे माता पिता को मेरी शादी के लिए अपना बैंक
अकाउंट खाली न करना पड़े और इतना खर्च करने के बाद फिर भी दहेज़ की बलि मुझे न चढ़ाया
जाए.
मेरी
ज़रुरत सिर्फ नवरात्रों तक ही न हो और मेरे हुनर का दायरा सिर्फ रसोईघर और घर
गृहस्थी तक ही सीमित न माना जाए. देश और दुनिया से जुड़े मुद्दों पर मेरी राय को
सिर्फ इसलिए न नकारा जाए क्यूंकि मैं एक लड़की हूँ और लड़कियां तो बोलती ही रहती
हैं.
अपनी
पसंद का करियर चुनने में मुझे अपने लड़की होने को ध्यान में न रखना पड़े. रोज़गार के
अवसरों में मेरे लड़की होने को नहीं वरन काबिल होने को ध्यान में रखा जाए.
ट्रेन
या बस में शहर से बाहर जाते वक़्त मेरे माता पिता को कभी ये फिकर न करनी पड़े कि
मेरी बेटी सही वक़्त और सही तरीके से पहुंची होगी कि नहीं.
आशा
करती हूँ कि आप इस आम भारतीय लड़की की इन उम्मीदों को पूरा करने के लिए ईमानदारी से
प्रयास करेंगे और मैं आपको विश्वास दिलाती हूँ कि अपने आपको साबित करने में कोई
कसर नहीं छोडूंगी.
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